Tuesday, June 24, 2008

जोहड़--सौ.सुरेखा शहा

चंद दिनकी जिंदगी है।
कुछ जीना साथी
ऐसे जिले तू याद रखे कोई ।
खुदके लिए जीना
क्या जीना है भाई ....
कुछ करके जाए यहाँ से
गुजर जाते जाते
ऐसा कुछ करे
तेरी याद में दुनिया रोये
तू देता जा
जो तेरे पास है
कुछ करके जा
जो तेरे हाथ है
यहीं तो जिंदगी है
मरके भी जियो साथी
चंद दिनकी जिंदगी है ॥
--जोहड़
--सौ.सुरेखा शहा

No comments: